हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करने से हम विजय की ओर अग्रसर होते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति करते हैं। हम सभी का जीवन अस्थायी है, और इस सत्य को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। हमारे जीवन में कई समस्याएँ आती हैं, जैसे स्वास्थ्य समस्याएँ, व्यापारिक कठिनाइयाँ, पारिवारिक मुद्दे, वैवाहिक चुनौतियाँ, धार्मिक और आध्यात्मिक दिक्कतें आदि। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हनुमान गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। नीचे हमने आपके लिए हनुमान गायत्री मंत्र के शब्द दिए हैं, जिन्हें जपकर आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
हनुमान गायत्री मंत्र के शब्द
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ||1||
ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||2||
ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||3||
हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे: हम आञ्जनेय (अंजनी पुत्र) को जानते हैं।
वायुपुत्राय धीमहि: वायुपुत्र (पवनपुत्र) के ध्यान में लीन होते हैं।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्: हनुमान हमें प्रेरणा दें और हमारे मन को प्रकाशित करें।
मंत्र का अर्थ है – विश्वामित्र ऋषि की शक्ति से प्रेरित, मूर्तिमती जानकी के प्राण संचारक वीर हनुमान की ऊर्जा को नमन करता हूँ। यह मंत्र हनुमान जी की कृपा को आपत्तिहीन रूप से प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से विजय प्राप्त करने में सहायता करता है।
Hanuman Gayatri Mantra Lyrics In PDF
गायत्री मंत्र जाप करने का तरीका
- साफ़-सुथरा स्थान चुनें: जाप करने के लिए किसी शांत और साफ़-सुथरे स्थान का चयन करें।
- स्वच्छता का ध्यान रखें: स्नान करके साफ़ वस्त्र धारण करें।
- आसन पर बैठें: आसन पर पद्मासन, सुखासन या किसी अन्य आरामदायक मुद्रा में बैठें।
- हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर: अपने सामने हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर रखें और एक दीपक जलाएं।
- मंत्र का उच्चारण: हनुमान गायत्री मंत्र का उच्चारण करते समय शुद्ध और स्पष्ट उच्चारण का ध्यान रखें।
- माला का प्रयोग करें: जाप के लिए रुद्राक्ष या तुलसी की माला का प्रयोग करें। माला में 108 मनके होते हैं, जिन्हें गिनते हुए मंत्र का जाप करें।
- एकाग्रता बनाए रखें: मन को एकाग्र रखते हुए मंत्र का जाप करें और ध्यान रखें कि आपका ध्यान हनुमान जी की आराधना में ही केंद्रित हो।
- संख्या का निर्धारण करें: शुरुआत में 11, 21, 51 या 108 बार मंत्र का जाप करें। बाद में इसे अपनी क्षमता और समय के अनुसार बढ़ा सकते हैं।
- समाप्ति पर प्रार्थना: जाप समाप्त करने के बाद हनुमान जी की प्रार्थना करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
- नियमितता का पालन करें: रोज़ाना एक ही समय पर मंत्र का जाप करने का प्रयास करें। इससे आपकी साधना में गहराई और नियमितता आएगी।
हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करने से मन की शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। यह मंत्र आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सफलता प्राप्त करने में भी सहायक होता है।
गायत्री मंत्र के लाभ और प्रभाव
- शक्ति और साहस: हनुमान गायत्री मंत्र के नियमित जाप से व्यक्ति में अद्वितीय शक्ति और साहस का संचार होता है। यह मंत्र मनोबल को बढ़ाता है और सभी प्रकार के भय को दूर करता है।
- मानसिक शांति: इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह व्यक्ति के मन को स्थिरता प्रदान करता है और मानसिक तनाव को कम करता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: हनुमान गायत्री मंत्र का उच्चारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है। यह मंत्र रोगों से बचाव करता है और दीर्घायु प्रदान करता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: हनुमान गायत्री मंत्र नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है। यह व्यक्ति को दुष्ट आत्माओं और बुरी नजर से बचाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का नियमित जाप साधक को आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है। यह भगवान हनुमान के आशीर्वाद से आत्मा को शुद्ध करता है और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है।
- कठिनाइयों से मुक्ति: हनुमान गायत्री मंत्र का जाप सभी प्रकार की कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करता है। यह मंत्र व्यक्ति को सफलता की राह पर अग्रसर करता है।
गायत्री मंत्र का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मंत्रों का जाप हमारे मस्तिष्क के न्यूरो-साइकोलॉजिकल संरचनाओं को प्रभावित कर सकता है, जिससे मानसिक संतुलन बना रहता है। यह मंत्र हमारे ब्रेन वेव्स को संतुलित कर नई ऊर्जा प्रदान करता है।
हनुमान गायत्री मंत्र का जाप न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। यहाँ हनुमान गायत्री मंत्र के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
- ध्वनि की शक्ति और तरंगें: – मंत्रों का उच्चारण विशेष ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है जो मस्तिष्क और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। हनुमान गायत्री मंत्र के उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि तरंगें मस्तिष्क की गतिविधियों को संतुलित करती हैं और मन की शांति प्रदान करती हैं।
- वाइब्रेशन का प्रभाव: – मंत्र जाप करते समय उत्पन्न वाइब्रेशन शरीर के विभिन्न अंगों और चक्रों पर प्रभाव डालती हैं। हनुमान गायत्री मंत्र का उच्चारण विशेषकर थ्रोट चक्र (गले के चक्र) और हार्ट चक्र (हृदय चक्र) पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे आत्मविश्वास और प्रेम की भावना में वृद्धि होती है।
- तनाव और चिंता में कमी: – मंत्र जाप मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है। जब हम नियमित रूप से हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, तो यह हमारे मस्तिष्क में एंडोर्फिन जैसे सकारात्मक हार्मोनों का स्त्राव बढ़ाता है, जिससे मानसिक शांति और आनंद की अनुभूति होती है।
- ध्यान और एकाग्रता: – हनुमान गायत्री मंत्र का नियमित जाप मस्तिष्क की एकाग्रता और ध्यान शक्ति को बढ़ाता है। यह विद्यार्थियों और कामकाजी लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है, क्योंकि यह मानसिक स्पष्टता और स्मरण शक्ति को बढ़ावा देता है।
- श्वास प्रक्रिया और ऑक्सीजन आपूर्ति: – मंत्र जाप के दौरान गहरे श्वास की प्रक्रिया भी शामिल होती है, जो फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करती है। इससे शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलता है और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर का नियंत्रण: – मंत्र जाप के समय की जाने वाली ध्यान प्रक्रिया हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है। यह दिल के रोगियों और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
- सकारात्मक ऊर्जा और वाइब्स: – हनुमान गायत्री मंत्र का जाप सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति के आस-पास सकारात्मक वाइब्स उत्पन्न होती हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं।
विशेष सावधानियाँ और ध्यान की बातें
मंत्रों का जाप करते समय कुछ विशेष सावधानियों का पालन करना चाहिए:
- मंत्र की शुद्धता और महत्व समझें: मंत्र का सही उच्चारण और अर्थ समझना आवश्यक है।
- एकाग्रता बनाए रखें: जाप करते समय मन में एकाग्रता और ध्यान बनाए रखें।
- मनोविज्ञानिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन लें: सही मार्गदर्शन प्राप्त करें ताकि गलत मंत्रोचारण से बच सकें।
हनुमान गायत्री मंत्र के जाप का समय और विधि
- समय: हनुमान गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय और सूर्यास्त के समय करना उत्तम माना जाता है। इस समय किया गया जाप विशेष फलदायी होता है।
- विधि: जाप करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और मंत्र का उच्चारण करें। जाप के लिए तुलसी की माला का उपयोग करें और कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें।
हनुमान गायत्री मंत्र भगवान हनुमान के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक अद्भुत माध्यम है। इसका नियमित जाप व्यक्ति को शक्ति, साहस, मानसिक शांति, स्वास्थ्य, नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। हनुमान जी की कृपा से सभी प्रकार की कठिनाइयों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र का उच्चारण आस्था और विश्वास के साथ करें और भगवान हनुमान के अनुग्रह को प्राप्त करें।