हनुमान जी की पूजा कब करनी चाहिए? : Hanuman Ji Poja Kab or Kaise Karni Chahiye

हनुमान जी, जिन्हें बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति का कारण उनकी अनंत शक्ति, साहस, और भगवान राम के प्रति उनकी निःस्वार्थ भक्ति है। हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को साहस, शक्ति और समर्पण की प्राप्ति होती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि हनुमान जी की पूजा कब और कैसे करनी चाहिए।

Hanuman Ji Poja Kab or Kaise Karni Chahiye

हनुमान जी की पूजा के शुभ दिन

मंगलवार और शनिवार: मंगलवार और शनिवार हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। इन दिनों में लोग हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड का पाठ और हनुमान जी के मंदिर में दर्शन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और समस्त दुखों का नाश होता है।

हनुमान जयंती: हनुमान जयंती हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है और यह एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है और भक्तजन पूरे दिन उपवास रखते हैं। हनुमान जयंती का पर्व चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

हनुमान जी की पूजा का उचित समय

प्रातःकाल: प्रातःकाल का समय पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और फिर हनुमान जी की पूजा करें। इस समय की गई पूजा से पूरे दिन ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहती है।

सायंकाल: सायंकाल का समय भी पूजा के लिए उत्तम है। संध्या समय हनुमान जी की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे संध्या के समय में आने वाले नकारात्मक प्रभावों से रक्षा होती है।

हनुमान जी की पूजा की विधि

  1. शुद्धता: पूजा करने से पहले शारीरिक और मानसिक शुद्धता आवश्यक है। स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को भी स्वच्छ रखें।
  2. आसन: पूजा के लिए एक स्वच्छ आसन पर बैठें। यह आसन किसी भी कपड़े का हो सकता है, लेकिन इसे स्वच्छ रखना महत्वपूर्ण है।
  3. ध्यान: हनुमान जी का ध्यान करें और उनसे अपनी मनोकामना कहें। ध्यान के दौरान उनकी मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  4. पूजा सामग्री: हनुमान जी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में रोली, चावल, दीपक, धूप, फूल, प्रसाद, जल, और हनुमान चालीसा शामिल हैं।
  5. आरती और हनुमान चालीसा: हनुमान जी की आरती करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
  6. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें और स्वयं भी ग्रहण करें। प्रसाद को दूसरों के साथ बांटना पुण्य का कार्य माना जाता है।

हनुमान जी की पूजा के लाभ

हनुमान जी की पूजा करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं:

  • शक्ति और साहस: पूजा से व्यक्ति में शक्ति और साहस का संचार होता है।
  • संकटों का नाश: हनुमान जी की पूजा से जीवन के समस्त संकट और बाधाएं दूर होती हैं।
  • भक्ति और समर्पण: पूजा से व्यक्ति में भक्ति और भगवान के प्रति समर्पण की भावना बढ़ती है।
  • सकारात्मकता: पूजा से मानसिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त होती है।

इन स्थिति में न करे श्री हनुमानजी की पूजा

दोस्तों, श्री हनुमानजी को अजर अमर रहने का वरदान प्राप्त हुआ था, और वे अब भी भक्तों की सहायता के लिए पृथ्वी पर चरित्रण कर रहे हैं। हनुमानजी की पूजा के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो सके। हनुमानजी की भक्ति सरल हो सकती है लेकिन कठिन भी। यह सरल इसलिए है क्योंकि वे सच्चे दिल से पुकारने पर सुनते हैं, लेकिन इसका कठिन इसलिए है क्योंकि कई लोग उनकी पूजा के दौरान आवश्यक नियमों का पालन नहीं करते।
चलिए, जानते हैं उन स्थितियों के बारे में जब हमें श्री हनुमानजी की भक्ति का फल नहीं मिलता:

1. मांस और मदिरा से बचें

मानव आहार शाकाहार होना चाहिए। दोस्तों, सोचिए—क्या इंसान एक निर्दोष पशु को खाने के लिए मारने या मदिरा पीने में किसी धर्म का पुण्य का काम कर रहा है? इसी हालत में श्री हनुमानजी आप पर कैसे कृपा कर सकते हैं? बल्कि आप पाप के सहयोगी बन रहे हैं। अगर आप श्री हनुमानजी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इन आदतों को छोड़ दें, प्रभु की शरण में आएं, क्षमा मांगें, और सच्ची भक्ति करें। वे आपकी जरूर सहायता करेंगे।

2. सकारात्मक विचार बनाएं

प्रभु की कृपा प्राप्त करने के लिए अपने मन में सकारात्मक विचार बनाएं। बुरे या अशुद्ध विचारों के साथ भक्ति करने से कभी भी परिणाम नहीं मिलता। अपने मन में शुद्ध विचार लाएं। शुद्ध विचार लाने के लिए सत्संग में भाग लें, हमारे हिन्दू धर्म के महान ग्रंथ पढ़ें, प्रेरणादायक कहानियां पढ़ें। धीरे-धीरे, नकारात्मक विचार आपके मन से हट जाएंगे। फिर आप देखेंगे, श्री हनुमानजी की कृपा निश्चित रूप से आप पर होगी।

3. ब्रह्मचर्य का पालन करें

सांसारिक लोगों के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना कठिन हो सकता है। लेकिन जब आप संकल्प लेते हैं, उपवास रखते हैं, या तपस्या करते हैं, तो आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अगर आपके लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना कठिन है, तो ध्यान या ध्यान करें। इससे आपका मन एक स्थान पर केंद्रित होगा और यौन क्रियाओं की ओर आपका मन नहीं भटकेगा।

4. दूसरों को नुकसान न पहुंचाएं

कई लोगों की आदत होती है कि वे अपने स्वार्थ के लिए निर्दोषों को दुःख पहुंचाते हैं या किसी की बेबसी का लाभ उठाते हैं। एक ओर आप अच्छी भक्ति करते हैं, और दूसरी ओर आप दूसरों को दुख पहुंचाते हैं। प्रभु को इससे कभी भी आप पर प्रसन्नता नहीं होगी। अच्छे कर्म करें, किसी की मदद करें बिना किसी स्वार्थ के, और कम से कम किसी को अपने लाभ के लिए दुःखी न करें।

5. सूतक के समय में पूजा न करें

दोस्तों, अगर दुर्भाग्यवश आपके परिवार में किसी का निधन हो जाता है, तो उस दौरान 12-14 दिन का ‘सूतक‘ का समय होता है, जिस दौरान आपको पूजा नहीं करनी चाहिए। यदि आप करते भी हैं, तो वह प्रभु तक नहीं पहुँचती। इस समय, आप मन में ही प्रभु को याद कर सकते हैं। खासकर जब घर की किसी महिला को मासिक धर्म की समस्या हो, तो घर में पूजा-पाठ न करें।

निष्कर्ष

हनुमान जी की पूजा का महत्व और विधि जानना हर भक्त के लिए आवश्यक है। मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से उनकी पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। प्रातःकाल और सायंकाल के समय की गई पूजा से व्यक्ति को अद्भुत ऊर्जा और सकारात्मकता की प्राप्ति होती है। हनुमान जी की कृपा से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन होता है।

हनुमान जी की कृपा आप सब पर बनी रहे। जय हनुमान!

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